Him Kukkut Palan Yojana himachal Pradesh (HIMKUPY) की संपूर्ण जानकारी


हिम कुक्कुट पालन योजना HP Him Kukkut Palan Yojana himachal Pradesh (किसानों के लिए योजनाएं)

हिमाचल प्रदेश सरकार के पशुपालन विभाग ने राज्य में मुर्गी पालन (poultry farming) में रुचि रखने वाले और इसमें लगे व्यवसायियों और किसानों को सब्सिडी देने के लिए “हिम कुक्कुट पालन योजना” कार्यक्रम बनाया है। हिमाचल सरकार का यह एक प्रयास है कि पशुपालन विभाग राज्य में व्यावसायिक ब्रॉयलर खेती पर भी ध्यान केंद्रित करे क्योंकि अधिक से अधिक पोल्ट्री किसानों ने (backyard projects) में अपनी सफलता के परिणामस्वरूप मुर्गीपालन को एक पेशे के रूप में अपनाने में रुचि दिखाई है। ऐसे किसानों को राज्य में सब्सिडी के आधार पर सरकार के ब्रॉयलर कार्यक्रम के माध्यम से सहायता प्राप्त करने के लिए यह योजना लाई गई है। इस आर्टिकल में हमारी टीम इस योजना की संपूर्ण जानकारी हमारे सभी हिमाचली भाई बंधुओं के लिए लेकर आई है।

योजना का लक्ष्य और उद्देश्य (Scheme for Poultry Farming in Himachal Pradesh)

  • राज्य सरकार का मानना है कि राज्य के निवासियों को स्वस्थ आहार मिलेगा। यदि मुर्गीपालन स्थानीय स्तर पर किया जाता है, तो इसे उचित मूल्य पर बेचना संभव होगा। प्रोटीन-कैलोरी कुपोषण की समस्या के कारण, बड़ी ग्रामीण आबादी को उच्च जैविक गुणों वाले पशु प्रोटीन की आवश्यकता होती है, जिसे पोल्ट्री मांस से पूरा किया जा सकता है।
  • ग्रामीण निवासियों की आय बढ़ाने के लिए जब पशुधन और मुर्गीपालन को मिश्रित खेती के रूप में अपनाया जाता है जो फसल उत्पादन का पूरक है।
  • किसानों की आय में वृद्धि लाना।
  • ग्रामीण निवासियों को अधिक रोजगार विकल्प देना, क्योंकि उनमें से अधिकांश बेरोजगार या काफी कम बेरोजगार हैं। कम लागत पर कुशलतापूर्वक उच्च गुणवत्ता वाली खाद बनाना।

योजना की जानकारी

योजना की कैटेगरीप्रदेश सरकार द्वारा प्रयोजित
ऑफिशियल वेबसाइटhttps://hpahdbt.hp.gov.in
आवेदन का मोडऑनलाइन आवेदन
हेल्पलाइन नंबरPhone: +91-177-2830089
Toll free No. – 1800 180 8006 पशुपालन विभाग
ईमेलdir-ah-hp@nic.in पशुपालन विभाग 
ऑनलाइन पोर्टलhttps://hpahdbt.hp.gov.in/Home/broiler_establishment
हिम कुक्कुट पालन योजना

योग्यता (Eligibility)

  1. आवेदक हिमाचल प्रदेश का स्थाई निवासी होना चाहिए
  2. जिन्होंने सरकारी पोल्ट्री फार्मों से मुर्गी पालन की शिक्षा प्राप्त की है और जो एससी, एसटी या सामान्य श्रेणी के अंतर्गत आते हैं।
  3. योजना के तहत, प्रत्येक वर्ष लगभग 100 किसानों को सहायता प्राप्त होगी।
  4. पोल्ट्री के प्रजनक जिन्होंने पहले एक अलग वाणिज्यिक ब्रॉयलर कार्यक्रम के माध्यम से विभाग से सहायता प्राप्त की है (दो साल से अधिक पहले) भी कार्यक्रम के तहत लाभ के लिए आवेदन कर सकते हैं, बशर्ते कि आवेदक सफलतापूर्वक कार्यक्रम का प्रबंधन कर रहा हो और बनाई गई इकाई अभी भी चालू हो।
  5. आवेदक ने पहले कभी इस प्रकार की वाणिज्यिक ब्रॉयलर योजना के लाभ का उपयोग नहीं किया है। जब तक परियोजना चल रही हो, वह योजना को समाप्त नहीं कर सकते, और यदि वह ऐसा करता है या योजना के किसी भी नियम और शर्तों का उल्लंघन करता है, तो योजना की पूरी लागत और 12% की दर से ब्याज वापस लिया जाएगा। राशि उनकी शेष पूंजी सब्सिडी से काट ली जाएगी।
  6. आवेदक को उस भूमि पर अपने कब्जे को प्रमाणित करने वाले कानूनी रिकॉर्ड की एक प्रमाणित कॉपी पेश करनी होगी जिस पर शेड बनाया जा रहा है या बनाया जाएगा।
  7. शेड और स्टोर के निर्माण की सब्सिडी (subsidy) हेतु पात्र (beneficiary) होने के लिए लाभार्थी को कनिष्ठ अभियंता (J.E/Junior Engineer) या उच्च जिम्मेदार ब्लॉक/एचपीपीडब्ल्यूडी उप-मंडल (higher responsible Block/HPPWD sub-division) के अधिकारी द्वारा उचित रूप से सत्यापित पूर्णता प्रमाण पत्र (completion certificate) प्रस्तुत करना आवश्यक है।

योजना के लाभ (Benefits of the Scheme)

  • अधिकृत मानकों (Authorised Standards) के अनुसार और उपलब्ध वित्त (Available Finances) के आधार पर, सरकार पहले आओ-पहले पाओ (first-come, first-served basis) के आधार पर इस योजना के सब्सिडी घटक (subsidy component) के तहत पूंजी निवेश (Capital Investments) के लिए धन उपलब्ध कराएगी।
  • संपूर्ण पूंजी निवेश (Capital Investments) पर अधिकतम (max) 40% सब्सिडी लाभार्थी/बैंकों द्वारा एससी (SC), एसटी(ST) और सामान्य श्रेणी (General Category) के अंतर्गत आने वाले लाभार्थियों को प्रदान की जाएगी। शेष 60% सब्सिडीयुक्त सहायता होगी।
  • बाध्यताएं (constraints) के कारण, किसान एक बार में 3000 चूजों को पालने में सक्षम नहीं हो सकता है, इसलिए आवश्यकतानुसार लाभार्थी को एक बार में 1000 चूजों को देने की योजना बनाई गई है।
  • कम लागत पर कुशलतापूर्वक उच्च गुणवत्ता वाली खाद बनाना।

आवश्यक दस्तावेज़ (Required Documents)

  • बोनाफाइड हिमाचली सर्टिफिकेट (Himachali Bonafide Certificate)
  • बैंक पासबुक की कॉपी/बैंक खाते का नवीनतम बैंक स्टेटमेंट
  • शेड निर्माण अनुमान (यदि शेड निर्माण नहीं हुआ है तो)
  • शेड निर्माण का प्रमाण (यदि शेड का निर्माण हुआ है तो)
  • Identity Proof (आधार कार्ड)
  • प्रशिक्षण प्रमाणपत्र (Training Certificate)
  • जाति प्रमाण पत्र (यदि SC/ST हैं तो)
  • बीपीएल (BPL)सर्टिफिकेट

हिम कुक्कुट पालन योजना ऐसे करें आवेदन :

  • हिमाचल प्रदेश सरकार के संबंधित विभाग की आधिकारिक वेबसाइट पर जाएं https://hpahdbt.hp.gov.in/Home/broiler_establishment
  • हिम कुक्कुट पालन योजना का चयन करें।
  • योजना के दिशानिर्देश और पात्रता मानदंड को ध्यान से पढ़ें। इसके अलावा, नियम और शर्तों से सहमत हों और ‘आगे बढ़ें’ पर क्लिक करें।
  • “नया पंजीकरण” (New Registration) पर क्लिक करें और योजना के लिए आवेदन पत्र भरें। (https://hpahdbt.hp.gov.in/Home/RegistrationFormHimkukkut)
  • योजना के लिए आवश्यक सभी आवश्यक दस्तावेज (Important Documents) संलग्न (attach) करें, जैसे बीपीएल स्थिति का प्रमाण, बैंक खाता विवरण, आदि।
  • आवेदन पत्र जमा करने के लिए ‘सबमिट’ पर क्लिक करें।
  • स्थिति की जाँच करें और आवेदन की स्थिति को ट्रैक करने के लिए संबंधित विभाग से संपर्क करें (Phone No. उपयुक्त “योजना की जानकारी” में दिया गया है)

आवश्यक सूचना

  • किसानों के लिए भविष्य के संदर्भ के लिए आवेदन पत्र और जमा किए गए दस्तावेजों की एक कॉपी रखना महत्वपूर्ण है।
  • किसानों को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि वे योजना के दिशानिर्देशों और विनियमों का अनुपालन करें ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि वे योजना के लाभों के लिए पात्र हैं।

यदि ऊपर दी गई जानकारी से संबंधित कोई प्रश्न हो तो जरूर comment सेक्शन पर लिखें, हमारी टीम हर एक प्रश्न का उत्तर देगी 

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