Scheme Spotlight

सरकारी योजनाओं की category में आपका स्वागत है, जहां आपको सामाजिक कल्याण, आर्थिक विकास, और जनता के कल्याण को बढ़ावा देने के लिए सरकार द्वारा पेश किए गए पहलों और कार्यक्रमों का एक व्यापक संग्रह मिलेगा। ये योजनाएं विशेष मुद्दों का समाधान करने, समुदायों को उठाने, मुख्य क्षेत्रों में विकास को प्रोत्साहित करने, और व्यक्तियों, व्यापारों, और संगठनों को सहायता प्रदान करने के लिए डिज़ाइन की गई हैं।

Welcome to the Govt Schemes category, where you will find a comprehensive collection of initiatives and programs introduced by the government at various levels to promote social welfare, economic development, and public well-being. These schemes are designed to address specific issues, uplift marginalized communities, stimulate growth in key sectors, and provide support to individuals, businesses, and organizations.

Skill Development Initiative Scheme (SDIS) Himachal Pradesh

व्यावसायिक प्रशिक्षण(vocational training) की पेशकश करके, भारत सरकार की कौशल विकास पहल योजना (एसडीआईएस)/Skill Development Initiative Scheme (SDIS) या मॉड्यूलर रोजगार योग्य कौशल (एमईएस) Modular Employable Skills (MES) कार्यक्रम भारतीय कार्यबल(workforce) की रोजगार क्षमता को बढ़ाने हेतु बनाया गया है।

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Industrial Skill Development Allowance To The New Employees Employed In Industries In Himachal Pradesh

औद्योगिक कौशल विकास भत्ता कार्यक्रम का उद्देश्य किसी उद्योग या औद्योगिक प्रतिष्ठान में कार्यरत रहते हुए पात्र हिमाचली युवाओं को अपने कौशल विकसित करने में सहायता करना है। इस कार्यक्रम का उद्देश्य नौकरी पर अपने कौशल में सुधार करने के अवसरों की तलाश कर रहे लोगों को वित्तीय सहायता प्रदान करना है।

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Chief Minister’s Startup Himachal Pradesh

“Chief Minister’s Startup” योजना का लक्ष्य शिक्षित युवाओं को काम की तलाश बंद करने और अपना खुद का काम शुरू करने में मदद करना है। यह कार्यक्रम राज्य की “स्टार्टअप” और नवाचार परियोजनाओं(innovation projects) में मदद करेगा, और यह युवाओं और संभावित निवेशकों(potential investors) को उद्यमी(entrepreneurs) बनने के तरीके सिखाएगा।

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Legal and financial assistance to indian women deserted by their overseas indian spouses

यह एक भारतीय विदेश मंत्रालय Ministry of External Affairs (MEA) की कल्याण(welfare) योजना है जो संकटग्रस्त, प्रवासी भारतीय पतियों द्वारा छोड़ी गई या किसी विदेशी देश में तलाक की कार्यवाही का सामना कर रही भारतीय महिलाओं को कानूनी(Legal) और वित्तीय(financial) सहायता प्रदान करती है। इस आर्टिकल के माध्यम से हमारी टीम हमारे सभी पाठकों के लिए इस महत्वपूर्ण योजना की जानकारी लेकर आई है

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SWADHAR Greh Scheme की संपूर्ण जानकारी

महिला एवं बाल विकास मंत्रालय(Ministry of Women and Child Development) का “स्वधार गृह (Swadhar Greh Scheme)” नामक एक कार्यक्रम है जो चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों में महिलाओं की “बुनियादी आवश्यकताओं(Primary Needs)” को पूरा करने के लिए बनाया गया है। महिला एवं बाल विकास मंत्रालय द्वारा कार्यान्वित(implemented) की जा रही स्वाधार गृह योजना का उद्देश्य उन महिलाओं की मदद करना है जिन्हें भयानक परिस्थितियों से गुजरना पड़ा है और पुनर्वास(rehabilitation) के लिए संस्थागत समर्थन(institutional support) की आवश्यकता है ताकि वे सम्मान(dignity) के साथ रह सकें। योजना में इन महिलाओं के लिए आवास, भोजन, कपड़े, स्वास्थ्य देखभाल के साथ-साथ वित्तीय और सामाजिक सुरक्षा भी शामिल है।

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The Himachal pradesh legal aid counsel scheme की संपूर्ण जानकारी

हिमाचल प्रदेश कानूनी सहायता परामर्श योजना (The Himachal pradesh legal aid counsel scheme) एक सरकारी योजना है जिसका उद्देश्य हिमाचल प्रदेश में समाज के वंचित (underprivileged) और हाशिए (marginalized) पर रहने वाले वर्गों (sections) को मुफ्त कानूनी सहायता प्रदान करना है। यह योजना हिमाचल प्रदेश राज्य कानूनी सेवा प्राधिकरण/Himachal Pradesh State Legal Services Authority (HPSLSA) द्वारा शुरू की गई थी।

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Mukhyamantri Krishi Utpadan Sanrakshan Yojana Himachal Pradesh की संपूर्ण जानकारी

यह योजना हमारे हिमाचल के किसान भाई बंधुओं के लिए बनाई गई प्रदेश सरकार की एक महत्वपूर्ण योजना है। हिमाचल प्रदेश के कृषि विभाग की सरकार ने तीन मौजूदा विभागीय संरक्षण-आधारित कार्यक्रमों (departmental protection-based programs) – “खट्टा बाधबंदी (“Sour Badhbandi),” “एंटी-हेल नेट स्ट्रक्चर,(Anti-Hail Net Structure)” और “ग्रीन हाउस नवीनीकरण (Green House Renovation)” को मिलाकर “मुख्यमंत्री कृषि उत्पादन संरक्षण योजना” कार्यक्रम बनाया गया है।

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Scheme of provision of subsidised Rams to sheep breeders himachal Pradesh की संपूर्ण जानकारी

हिमाचल प्रदेश में प्रमुख उद्योगों (main occupations) में से एक भेड़ पालन है। हिमाचल प्रदेश की रामपुर बुशरी और गद्दी नस्लें (Rampur Bushari and Gaddi) कालीन ऊन उत्पादन (indigenous carpet wool) के लिए पूरे देश में प्रसिद्ध हैं। पूरे राज्य में 8.05 लाख भेड़ें हैं। मानकों के अनुसार (As per norms), 20 से 25 भेड़ों के लिए एक प्रजनन मेढ़े की आवश्यकता होती है। राज्य की लगभग 3.00 लाख जानवरों की प्रजनन (breedable) योग्य भेड़ की आबादी को पूरा करने के लिए कम से कम 12,000 मेढ़ों की आवश्यकता है, लेकिन सरकार अपने खेतो (farms) से केवल 250-300 मेढ़ों की ही आपूर्ति (Provide) कर सकती है। इसलिए, राज्य और पड़ोसी राज्यों के खेतों और प्रगतिशील प्रजनकों (progressive breeders) से खरीदने के बाद धीरे-धीरे रैमबौइलेट (Rambouillet) और रूसी मेरिनो (Russian Merino) नस्लों के उच्च आनुवंशिक योग्यता (High Genetic Merit breeding) वाले मेढ़ो और उनके क्रॉस को 60% सब्सिडी पर भेड़ प्रजनकों को देने का सुझाव दिया गया है।

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Uttam Pashu Puraskar Yojana himachal Pradesh की संपूर्ण जानकारी

हिमाचल प्रदेश सरकार के पशुपालन विभाग ने पशुधन मालिकों को उच्च गुणवत्ता वाले, अधिक उपज देने वाले जानवरों को पालने के लिए पुरस्कार और प्रोत्साहन देने के लिए “उत्तम पशु पुरस्कार योजना” (Uttam Pashu Puraskar Yojana) कार्यक्रम बनाया है।

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Krishak Bakri Palan Yojana Himachal Pradesh की संपूर्ण जानकारी

हिमाचल प्रदेश में, छोटे और सीमांत किसान, मुख्य रूप से खानाबदोश और भूमिहीन मजदूर, पारंपरिक रूप से आजीविका के साधन के रूप में बकरियां पालते हैं। लोगों के इन समूहों के लिए, इस प्रजाति को आर्थिक निर्वाह का एक प्रमुख स्रोत माना जाता है। बकरियां विभिन्न प्रकार की कृषि जलवायु परिस्थितियों के लिए उपयुक्त हैं, जो उन्हें सीमित संसाधनों वाले छोटे किसानों के लिए उपयुक्त बनाती हैं। इस योजना के अनुसार, बीटल, सिरोही, जमनापारी और व्हाइट हिमालयन नस्लों (Beetal/Sirohi/Jamanapari/White Himalayan breeds) की 11 बकरियां (10 मादा और 1 नर/10 females and 1 male), 5 बकरियां (4 मादा और 1 नर), और 3 बकरियों (2 मादा और 1 नर) की इकाइयां (units) 60% सब्सिडी के साथ वितरित (distribute) किया जाएगा।

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