What is Integrated Child Protection Scheme/एकीकृत बाल संरक्षण योजना क्या है?
किशोर न्याय/Juvenile Justice (बच्चों की देखभाल और संरक्षण) /Act अधिनियम के प्रभावी कार्यान्वयन/effective implementation के लिए – देखभाल/care, सुरक्षा/protection और पुनर्वास/rehabilitation की आवश्यकता वाले बच्चों के साथ-साथ कानून का सामना/conflict with law करने वाले बच्चों के कल्याण और उत्थान/upliftment के लिए, एक केंद्र प्रायोजित “एकीकृत बाल संरक्षण योजना”/Integrated Child Protection Scheme लागू की जा रही है। Juvenile Justice (Care and Protection of Children) Act, 2015) और Juvenile Justice (Care and Protection of Children) Act, 2016) के अनुसार, भोजन, कपड़े, बिस्तर, चिकित्सा देखभाल और शिक्षा जैसी मुफ्त सेवाएं प्रदान की जाती हैं। योजना के महत्वपूर्ण तत्वों में पालन-पोषण देखभाल/foster care और उसके बाद की देखभाल सेवाएँ/after-care services शामिल हैं। इस कार्यक्रम में ऐसे युवाओं के कौशल विकास/skill development, गोद लेने/adoption आदि के माध्यम से समाज में पुनर्वास/rehabilitation और पुन: एकीकरण/reintegration के प्रावधान भी शामिल हैं।
योजना की जानकारी (Information Of Integrated Child Protection Scheme)
योजना की कैटेगरी | हिमाचल सरकार द्वारा प्रयोजित |
ऑफिशियल वेबसाइट | https://himachal.nic.in/index1.php?lang=1&dICPS सेवाएं pt_id=176&level=0&linkid=2890&lid=7889 (Directorate of Women and child Development Himachal Pradesh) |
आवेदन का मोड | ऑफलाइन |
नोडल विभाग | https://himachal.nic.in/index.php?lang=1&dpt_id=176 (Directorate of Women and Child Development) |
विभाग से संपर्क के लिए | https://himachal.nic.in/index1.php?lang=1&dpt_id=176&level=0&linkid=2890&lid=7889 |
ICPS helpline (State Child Protection Society, Directorate of WCD) | http://scps.wcd.hp.gov.in/ContactUS.aspx(State Child Protection Society, Directorate of WCD (H.P.) |
What are the Benefits of Integrated Child Protection Scheme (ICPS benefits)
- राज्य में गोद लेने के कार्यक्रम adoption program के समन्वय/coordination, निगरानी/monitor और विकास/develop के लिए राज्य स्तरीय संसाधन केंद्र/State level Resource Centre के रूप में कार्य करना।
- एसएए(SAAs-Specialized Adoption Agency) की स्थापना को सुविधाजनक बनाना, एसएए को कानूनी मान्यता प्रदान करना और ऐसी एजेंसियों की एक व्यापक सूची बनाए रखना।
- यह सुनिश्चित करना कि बच्चों के सभी गोद लेना/स्थायी प्लेसमेंट/adoptions/permanent placements भारत के सर्वोच्च न्यायालय और भारत सरकार के कानूनों और दिशानिर्देशों के अनुसार किए जाते हैं।
- CARA-Central Adoption Resource के coordination से देश में गोद लेने को बढ़ावा देना और अंतर-देशीय/inter -country गोद लेने को regulate करना।
- Child tracking System के एक भाग के रूप में डीसीपीयू/DCPU (District Child Protection Units) की मदद से गोद लेने योग्य बच्चों और भावी दत्तक माता-पिता/prospective adoptive parents का एक केंद्रीकृत वेब-आधारित डेटाबेस/centralized web-based database बनाए रखना।
- प्राथमिक जिम्मेदारी (एसएए) के काम की देखरेख और उनके साथ समन्वय/coordinate करना है , और साथ ही उनके प्रभावी सहयोग और संरेखण को सुनिश्चित करना।
- आईईसी सामग्रियों/IEC materials-Information Education Communication का विकास और प्रसार करना भी इस योजना का एक लाभ है।
*NOTE* IEC (Information Education Communication materials) होते हैं जैसे – प्रिंट सामग्री जैसे कि पोस्टर, ब्रोशर/brochures, फ़्लायर्स/flyers, बिलबोर्ड/billboard इत्यादि जिनका उद्देश्य किसी के बारे में जानकारी पर ध्यान आकर्षित करना होता है।
Eligibility for Integrated Child Protection Scheme (ICPS eligibility)
- जिन बच्चों को देखभाल और सुरक्षा की आवश्यकता होती है, जिनमें अनाथ/orphaned, परित्यक्त/abondened और Vulnerable children, कठिन परिस्थितियों में फंसे हुए बच्चे/Children in difficult circumstances या उनकी देखभाल करने वाला कोई नहीं है, वे आईसीपीएस/ICPS के तहत सेवाओं के लिए पात्र हैं।
- कानून का उल्लंघन करने वाले बच्चे/Children in conflict with law: जो बच्चे कानून का उल्लंघन करते हैं और जिन्हें देखभाल और सुरक्षा की आवश्यकता है, वे भी आईसीपीएस के तहत सेवाओं के लिए पात्र हैं।
- बाल देखभाल संस्थान/Childcare Institutions: बाल देखभाल संस्थान जो किशोर न्याय/Juvenile Justice (बच्चों की देखभाल और संरक्षण) अधिनियम, 2015 के तहत registered हैं, और सरकार द्वारा निर्धारित न्यूनतम मानकों/minimum standards को पूरा करते हैं, वे आईसीपीएस के तहत वित्तीय सहायता के लिए पात्र हैं।
- राज्य सरकार के विभाग/State Govt. Departments: बच्चों के कल्याण के लिए जिम्मेदार राज्य सरकार के विभाग योजना को लागू करने के लिए आईसीपीएस के तहत वित्तीय/financial सहायता के लिए पात्र/eligible हैं।
- बाल संरक्षण/child protection के क्षेत्र में काम करने वाले और सोसायटी पंजीकरण अधिनियम, 1860/Societies Registration Act, 1860, या किसी अन्य प्रासंगिक अधिनियम के तहत पंजीकृत गैर-सरकारी संगठन/Non Govt Organisations*NGO* आईसीपीएस के तहत वित्तीय सहायता के लिए पात्र हैं।
What are the documents required to apply for the Integrated Child Protection Scheme/आवश्यक दस्तावेज़:
- Proof of Identity: आधार कार्ड
- पते का प्रमाण/Adress Proof: आपको एक दस्तावेज़ प्रदान करना होगा जो आपके वर्तमान पते को सत्यापित करता है, बैंक विवरण, या रेंटल एग्रीमेंट इत्यादि।
- आय प्रमाण पत्र/Income Certificate: यदि आप ICPS के तहत वित्तीय सहायता के लिए आवेदन कर रहे हैं, तो आपको अपनी eligibilty साबित करने के लिए आय प्रमाण पत्र प्रदान करना होगा।
- Birth Certificate/जन्म प्रमाण पत्र
- मेडिकल सर्टिफिकेट: यदि बच्चे की कोई चिकित्सीय स्थिति/medical condition या विकलांगता/disability है, तो आपको अपने आवेदन के समर्थन में एक चिकित्सा प्रमाणपत्र प्रदान /Medical Certificate करना होगा।
- संरक्षकता प्रमाणपत्र/Guardianship Certificate: यदि आप बच्चे के कानूनी अभिभावक/guardian हैं, तो आपको संरक्षकता प्रमाणपत्र प्रदान करना होगा।
- पुलिस सत्यापन प्रमाणपत्र/Police Verification Certificate: यदि आप किसी बच्चे को गोद लेना चाहते हैं, तो आपको अपनी पात्रता/eligibilty साबित करने के लिए पुलिस सत्यापन प्रमाणपत्र प्रदान करना होगा।
How to apply for Integrated Child Development Scheme (ICPS application form) / Integrated Child Development Scheme ka aavedan kese karein :
- ICPS की आवेदन प्रक्रिया पूरी तरह ऑफलाइन है।
- एकीकृत बाल संरक्षण योजना (आईसीपीएस) के लिए आवेदन करने के लिए आप डिस्ट्रिक्ट बाल संरक्षण इकाई (डीसीपीयू) District Child Protection Unit से संपर्क कर सकते हैं। डीसीपीयू जिले में बाल संरक्षण सेवाओं/child protection services के वितरण के समन्वय के लिए जिम्मेदार है। डीसीपीयू से संपर्क करने हेतु सारी जानकारी महिला एवं बाल विकास मंत्रालय की वेबसाइट पर या जिला मजिस्ट्रेट कार्यालय / District Magistrate Office संपर्क करके पाई जा सकती है।
- एक बार जब आप डीसीपीयू से संपर्क कर लेंगे, तो वे आपको एक आवेदन पत्र प्रदान करेंगे। आवेदन पत्र में बच्चे के बारे में जानकारी मांगी जाएगी, जिसमें उनका नाम, उम्र, पता और संपर्क जानकारी शामिल होगी। यह बच्चे की परिस्थितियों के बारे में भी जानकारी मांगेगा, जैसे कि उन्हें सुरक्षा या सेवाओं की आवश्यकता क्यों है।
- उसी आवेदन पत्र से सुनिश्चित किया जाएगा कि बचे को किस तरह की सहूलियत दी जानी आवश्यक है।
DCPU की लिस्ट डाउनलोड करें –
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